Sunday, January 13, 2008

अशोक चक्र धर उवाच :उनका शुरुआती अनुभव उनकी जुबानी

जीवन मे दूसरी बार अपने अलावा किसी दूसरे ब्लॉगर से साक्षात् मिलन हुआएक बार कभी लगभग एक साल पहले अमित अग्रवाल ने एक छोटी सी ब्लॉगर मीटिंग रखी थी दिल्ली मे जिसमे मैं भी उत्सुकता वश पहुच गया गया था रेवारी सेउस मीटिंग मे अमित को छोड़ कर सभी नए रंगरूट थेउस मीटिंग का परिणाम यह हुआ कि आज गूगल हर महीने तनख्वाह भेज देता है
एक और मीटिंग एक दूसरे अमित ने बुलाई थी ( जिस मे वो खुद नदारद थे ) और हम जोश सहित पहुच गएइसका परिणाम तो पत नही क्या निकलेगा और कब निकलेगा पर इस बार कई धुरंधरों से मुलाक़ात हुईब्लोग जगत कि कई जानीमानी हस्तिया जैसे कि अभिषेक कान्त, अभिषेक बक्षी, अजय जैन, ब्लोग्वानी के करता धरता(नाम भूल गया ), भारत वासी , भड़ास , इन्स्ता ब्लोग के अंकित, आशीष ,सृजन शिल्पी, हिरेन शाह, सिधार्थ शर्मा इत्यादी इत्यादी बहुत से लोग शिमला, आगरा , फरीदाबाद, दिल्ली , रेवारी भी से आये थे कुछ खोजते हुए
हिन्दी जगत के प्रसिद्ध हास्य कवि अशोक चक्र धर जी वहा मुख्य अतिथि वक्ता थे
सभी ने इस सवाल का जवाब ढूँढने कि कोशिश की कि वे सब वो क्यों कर रहे है जो वो करते है , यानी कि ब्लोग्गिंगऔर किस तरह से अपने जैसे लोगों को खास तोर पर हिन्दी मे लिखने वालों कि जनसंख्या को बढ़ा सकते है
राजेश लालवानी जी ने कुछ दिमाग खुरचने पर मजबूर किया और अभिषेक बक्षी ने ब्लोग्गिंग के कुछ मूलभूत चीजो के बारे मे ज्ञान बांटा
नए ब्लागरों को ढूँढ ढूँढ कर पकड़ने के तरीकों के बारे मे भी चर्चा हुई और जो बन गए हैं उनको अच्छी तरह से ट्रेंड करने के बारे मैं भी बात हुई
इन सबके बीच अशोक चक्र धर जी, जो कि मुख्य अतिथि 'स्टार पेर्फोर्मेर ' भी थे, ने अपने अनुभव बताये सबको गुदगुदायाऐसे में मेरा 'मोटो रेजेर' कम आया और मैने उनके वक्तव्य को अपने फ़ोन मे कैद कर लिया जो आप सब कि नजर है

हिन्दी ब्लोग्गिंग मे अपने अनुभव बांटा भाग




भाग २
उन्हे ब्लोग्गिंग कईं भाती है


भाग ३
उनका ब्लोग्गिंग का शुरुआती अनुभव


भाग ४
ब्लोगिंग को परिभाषित करते हुए


भाग ५
मुकेश अम्बानी और धोनी पर उनकी कुंडली


अंत में सभी ब्लोग्गेर्स कि आपसी माथा पची का एक अंश


क्यूंकि दिल्ली मे हवा बहुत ही तेज और ठंडी चल रही थी तो मैं और मेरा हाथ दोनो काँप रहे थे इस लिए वीडियो को भी कंपकंपी लग रही है सो क्षमा चाहता हूँ